इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम का मक़सद आपको हफ्ते भर की उन अहम ख़बरों से रूबरू करना हैं जो आपकी परीक्षा के लिहाज़ से बेहद ही ज़रूरी है। तो आइये इस सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरों के साथ शुरू करते हैं इस हफ़्ते का इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम...
न्यूज़ हाईलाइट (News Highlight):
- 26 नवम्बर को मनाया गया संविधान दिवस...भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान...यह दिन याद दिलाता है भारत में संविधान को अपनाने की ....
- प्रधानमंत्री मोदी ने किया स्वच्छ ऊर्जा में निवेश के लिए RE-INVEST 2020 का आभासी उद्घाटन...यह वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा समुदाय को एक संकेत देकर, नवीकरणीय ऊर्जा के विकास के लिए उसकी प्रतिबद्धता के बारे में बताएगा....
- भारत और म्यांमार के बीच हुई 7वीं संयुक्त व्यापार समिति की बैठक.. बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने सीमा अवसंरचना के UPGRADATION के साथ साथ द्विपक्षीय मुद्दों की समीक्षा की....
- भारत-अमेरिका ने परमाणु ऊर्जा पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन का विस्तार किया.... इस समझौता ज्ञापन पर विस्तार संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच सहयोग के दसवें साल पर किया गया था...
- केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किया ‘सहकार प्रज्ञा’ पहल लांच....यह अभिनव क्षमता निर्माण पहल पूरे भारत में ऐसी संस्थाओं से जुड़े किसानों के लिए शुरू की गई है...
- रक्षा अनुसंधान विकास संगठन ने हाल ही में भारी वजन वाले टारपीडो वरुणास्त्र को हरी झंडी दिखाई...इस टारपीडो को भारतीय नौसेना की विशाखापट्टनम इकाई BDL द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया था..
- भारत बना दुनिया का चौथा ऐसा देश...जिसके पास है स्वतंत्र Regional Navigation Satellite System..इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने किया विकसित...मिली IMO द्वारा WWRNS के तहत मान्यता...
- भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का किया सफल परीक्षण....इस मिसाइल की रेंज और गति दोनों में की बढ़ोतरी...
खबरें विस्तार से:
1.
1- 26 नवंबर को हर साल भारत में संविधान दिवस मनाया जाता है...इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस यानी National Law Day के रूप में भी जाना जाता है....यह दिन भारत में संविधान को अपनाने की याद दिलाता है.
विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान भारत का संविधान है, जो वैसे तो 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था, पर इसे 26 नवंबर 1949 उनचास को ही स्वीकृत कर लिया गया था...इसी दिन भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था, इसलिए 26 नवंबर का दिन ही संविघान दिवस के रूप में मनाया जाता है...
इस दिन संविधान निर्माता के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है, जिन्होंने दुनिया के सभी संविधानों को परखने के बाद भारतीय संविधान के रूप में दुनिया का सबसे बड़ा संविधान तैयार किया... भारतीय संविधान के कई हिस्से यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिए गये हैं...
गोरतलब हो की संविधान को तैयार करने में संविधान सभा को 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा था.... भारतीय संविधान देश का सर्वोच्च कानून है..इसमें देश के राजनीतिक सिद्धांत, संरचना, विधि, सरकारी संस्थानों की शक्तियों तथा कर्तव्यों का वर्णन किया गया है। भारतीय संविधान में 448 अड़तालीस अनुच्छेद, 25 भाग तथा 12 अनुसूचियां हैं...इसमें सरकार की कार्यप्रणाली का वर्णन किया गया है..इसमें नागरिकों के मूल अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल व मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है....
भारतीय संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ही हस्तलिखित थी। इसमें टाइपिंग या प्रिंट का इस्तेमाल नहीं किया गया था। दोनों ही भाषाओं में संविधान की मूल प्रति को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था। रायजादा का खानदानी पेशा कैलिग्राफी का था। उन्होंने नंबर 303 के 254 चौवन पेन होल्डर निब का इस्तेमाल कर संविधान के हर पेज को बेहद खूबसूरत इटैलिक लिखावट में लिखा है...
मालूम हो की साल 2015 में डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वें जयंती पर 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने केंद्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था....
संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे...जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे...11 दिसंबर 1946 छियालीस को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहें....
संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे और नियमानुसार संविधान पर सबसे पहले हस्ताक्षर भी उन्हीं के होने चाहिए, पर पं. नेहरू ने संविधान पर सबसे पहले हस्ताक्षर किए थे...
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया, तभी से हम इस दिन को गणतंत्र दिनवस के रूप में मना रहे हैं....संविधान लागू होने से दो दिन पहले 24 जनवरी 1950 को संविधान की तीनों प्रतियों पर संविधान सभा के 284 चोरासी सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे...
2.
Re-INVEST 2020 सम्मेलन भारत में स्वच्छ ऊर्जा में निवेश करने के लिए निवेशकों का समर्थन प्राप्त करने पर केन्द्रित है...RE-Invest वैश्विक नवीकरणीय समुदाय को भारत और नवीकरणीय ऊर्जा के विकास के बारे में प्रतिबद्धता के संकेत भी भेजता है....दुसरे देशों के प्रतिनिधि और वैश्विक उद्योग जगत के लीडरों ने इस इवेंट में भाग लिया...वहीँ इस कार्यक्रम में 6 केंद्रित देश सत्र, 20 पूर्ण और तकनीकी सत्र और एक विशेष मुख्यमंत्री सत्र शामिल रहा..आपको बतादें RE-INVEST 2020 के लिए पार्टनर देश हैं ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, डेनमार्क, मालदीव, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, यूरोपीय संघ और अमेरिकी एजेंसियां.....वहीँ पार्टनर राज्यों में हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु शामिल हैं
एक नज़र RE-INVEST 2020 पर RE-Invest सम्मेलन नवीकरणीय और भविष्य के ऊर्जा विकल्पों पर दो दिवसीय वर्चुअल सम्मेलन शामिल है...यह निर्माताओं, निवेशकों, डेवलपर्स और इनोवेटरों की एक प्रदर्शनी भी आयोजित करेगा जो स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में संलग्न हैं...यह सम्मेलन विभिन्न देशों, राज्यों, व्यापारिक घरानों और संगठनों को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी रणनीतियों, उपलब्धियों और अपेक्षाओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है.....
वहीँ भारत मौजूदा समय में दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा बाजारों में से एक के रूप में उभरा है...भारत ने 2022 तक 175 GW और 2030 तक 450GW अक्षय ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य रखा है। भारत में पिछले 6 वर्षों में 4.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है। इस प्रकार, भारत स्वच्छ ऊर्जा में निवेश के लिए पसंदीदा स्थान बन गया है। देश में सौर ऊर्जा की क्षमता भी 13 गुना बढ़ गई है। गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा स्रोतों की हिस्सेदारी बढ़कर 136 गीगावॉट या हमारी कुल क्षमता का लगभग 36 प्रतिशत हो गई है....
3.
7वीं संयुक्त व्यापार समिति की बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, बैंकिंग, क्षमता निर्माण और सीमा अवसंरचना के उन्नयन सहित द्विपक्षीय मुद्दों की समीक्षा की....जहाँ उन्होंने COVID-19 संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी तैयारियों की भी समीक्षा की....
वहीँ पारंपरिक दवाओं सहित फार्मा और स्वास्थ्य क्षेत्र में अपने सहयोग के विस्तार के बारे में चर्चा की....
एक नज़र भारत-म्यांमार संबंध पर इस बैठक में, भारत के वर्तमान रेलमंत्री और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने भारत और म्यांमार के बीच मजबूत सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंधों के बारे में बात की, भारत ने ‘नेबरहुड फर्स्ट’ और ‘एक्ट ईस्ट’ नीतियों के अनुसार म्यांमार को प्राथमिकता दी...भारत म्यांमार के साथ तेल और गैस, व्यापार और निवेश, बीमा, बिजली, फार्मास्युटिकल और इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित क्षेत्रों में अपने बहुमुखी सहयोग को बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। भारत ने इन सभी क्षेत्रों में म्यांमार में निवेश बढ़ाया है....
भारत और म्यांमार ने पहले स्वीकार किया कि दोनों देशों की तेल और गैस कंपनियों के सहयोग में पारस्परिक लाभ है। यह लाभ विशेष रूप से पेट्रोलियम उत्पादों और शोधन के क्षेत्र में मौजूद है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि उनके बीच द्विपक्षीय व्यापार का मौजूदा स्तर वास्तविक क्षमता से काफी नीचे है। उन्होंने क्षेत्रीय सहयोग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सुविधाएं प्रदान करके अपनी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों देशों ने कनेक्टिविटी परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने तमू (चरण I) में एक आधुनिक एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) की स्थापना पर परियोजना समझौते को अंतिम रूप देने की भी सराहना की।
तमू में एक आधुनिक एकीकृत चेक पोस्ट की स्थापना की परियोजना भारतीय अनुदान सहायता के तहत शुरू की जा रही है। इस परियोजना से द्विपक्षीय संपर्क और व्यापार में वृद्धि होगी। देशों ने सीमावर्ती हाटों को स्थापित करने के लिए करीब से काम करने पर सहमति व्यक्त की ताकि स्थानीय समुदायों को लाभान्वित किया जा सके...
4.
वैश्विक नाभिकीय ऊर्जा साझेदारी केंद्र के दसवें वर्ष के अवसर पर दोनों देशों द्वारा जारी संयुक्त स्टेटमेंट में कहा गया कि जीसीएनईपी से सुरक्षित परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा मिला है....
भारत और अमेरिका के बीच परमाणु सहयोग की पृष्ठभूमि
भारतीय विदेश नीति में स्पष्ट रूप से निःशस्त्रीकरण का समर्थन किया गया। लेकिन विभेदकारी नीतियों के कारण भारत द्वारा न तो वर्ष-1995 पंचानबे में स्थापित सी. टी. बी. टी. पर हस्ताक्षर नहीं किया गया और न ही वर्ष-1968 अडसठ में स्थापित एन. पी. टी. पर हस्ताक्षर किया है...
परिवर्तित क्षेत्रीय परिस्थितियों और धुर-राजनैतिक बाध्यताओं के कारण भारत ने वर्ष-1974 चौहत्तर में और 1998 अठानवे में परमाणु परीक्षण किया जिसके उपरांत अमेरिका ने भारत पर कड़े प्रतिबंध लगाए...
साल 2005 में भारत और अमेरिका के मध्य सिविल परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किया गया, जिसे वर्ष-2008 से लागू कर दिया गया...इस समझौते के तहत भारत को एनएसजी के सदस्य देशों से असैनिक परमाणु सहयोग को लेकर छूट प्रदान की गई है।
2019 में अमेरिका ने भारत में 6 परमाणु बिजली संयंत्र बनाने की घोषणा की है। इस समझौते के तहत दोनों देशों के मध्य Nuclear Power Corporation of India और Westinghouse Electric Company के सहयोग से भारत में 6 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना पर सहमति बनी है...
उल्लेखनीय है कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) 48 अड़तालीस देशों का समूह है जो वैश्विक परमाणु व्यापार को नियंत्रित करता है...
क्या है वैश्विक नाभिकीय ऊर्जा साझेदारी केंद्र (GCNEP)?
भारत में हरियाणा राज्य के झज्जर जिले के बहादुरगढ़ तहसील के खेरी जसौर गांव में वैश्विक नाभिकीय ऊर्जा साझेदारी केंद्र दुनिया का पहला परमाणु ऊर्जा साझेदारी केंद्र(nuclear energy partnership centre) स्थित है।
वैश्विक नाभिकीय ऊर्जा साझेदारी केंद्र परमाणु ऊर्जा विभाग (डी.ए.ई.) भारत सरकार, के तत्वावधान में छठी अनुसंधान एवं विकास इकाई है।
वैश्विक नाभिकीय ऊर्जा साझेदारी केंद्र का लक्ष्य परमाणु प्रसार के खतरे को कम करते हुए, एक सुरक्षित और स्वच्छ तरीके से परमाणु ऊर्जा के विस्तार को आगे बढ़ाना है। यह केंद्र प्रसार प्रतिरोधी परमाणु प्रणालियों के डिजाइन, परमाणु सुरक्षा, विकिरण सुरक्षा, परमाणु सामग्री लक्षण अध्ययन और विकिरण प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों के क्षेत्र में आधुनिक शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान एवं विकास से संबंधित सुविधाएं प्रदान करेगा।
इसकी की स्थापना भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों / अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आई.ए.ई.ए.) के विशेषज्ञों और सामयिक मुद्दों पर इच्छुक देशों द्वारा शोध, प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के माध्यम से परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग हेतु भारत की एक पहल है...ग्लोबल सेंटर फॉर न्यूक्लियर एनर्जी पार्टनरशिप के लिए अमेरिका और भारत के बीच वर्ष 2010 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे।
5.
‘सहकार प्रज्ञा’ पहल के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक सहकारी समितियों में किसानों को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा....सहकार प्रज्ञा पहल को पूरे भारत में 18 क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों के विस्तृत नेटवर्क द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा....ये क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र हरियाणा स्थित लक्ष्मणराव इनामदार नेशनल एकेडमी फॉर कोऑपरेटिव रिसर्च एंड डेवलपमेंट (LINAC) द्वारा चलाए जा रहे हैं जो NCDC के तहत काम करता है...
बतादें इस पहल के तहत, 45 पैंतालिस प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए गए हैं..ये प्रशिक्षण मॉड्यूल ज्ञान, कौशल और संगठनात्मक क्षमताओं को स्थानांतरित करने में मदद करेंगे। इसके अलावा, LINAC ने इस पहल के तहत एक वर्ष में लगभग 5,000 किसानों को सहकारी समितियों में प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है...
वहीँ भारत में सहकारी समितियाँ की बात करें तो वर्तमान में भारत में 8.50 लाख से अधिक सहकारी समितियों का नेटवर्क है। इन सहकारी समितियों में लगभग 290 मिलियन सदस्य शामिल हैं। 94% चौरानबे किसान भारत में कम से कम एक सहकारी समिति के सदस्य हैं...यह कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में जोखिम को कम करने के लिए किसानों को ताकत देती हैं....
क्या है राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम यानी NCDC
NCDC एक वैधानिक निगम है जिसे भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया है.. NCDC की स्थापना 13 मार्च, 1963 तिरेसठ को की गई थी.... NCDC कृषि उत्पादों के उत्पादन और विपणन, भंडारण, निर्यात और आयात के लिए कार्यक्रमों की योजना और प्रचार के उद्देश्यों के साथ काम करता है...
6.
टारपीडो वरुणास्त्र एक शिप से लांच किया जाने वाला विद्युत चालित हैवीली हैवीवेट एंटी-सबमरीन टॉरपीडो है जो शांत पनडुब्बियों को निशाना बनाने में सक्षम है....यह उथले और गहरे पानी के वातावरण दोनों में तैनात किया जा सकता है....वरुणास्त्र भारत का पहला भारी वजन वाला टारपीडो है...
इसे 2016 में पहली बार भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था... इस टारपीडो का वजन 1500 किलोग्राम है...इसकी ऑपरेशनल रेंज 40 किलोमीटर है...इस टारपीडो की अधिकतम गति 74चौहत्तर किलोमीटर प्रति घंटा है...इसके अलावा, वरुणास्त्र दुनिया का एकमात्र ऐसा टारपीडो है, जिसमें जीपीएस बेस्ड लोकेटिंग ऐड है...
यह टॉरपीडो 250 किलोग्राम का एक वारहेड ले जाने में सक्षम है...यह सिल्वर ऑक्साइड जिंक बैटरी द्वारा संचालित है...
टारपीडो क्या है?
यह एक विस्फोटक वॉरहेड के साथ एक पानी के नीचे का हथियार है जिसे लक्ष्य के निकट या लक्ष्य के संपर्क में होने पर विस्फोट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है...
भारतीय नौसेना के टॉरपीडो पर नज़र डालते है ...
तक्षक, एडवांस्ड लाइट टॉरपीडो शायना, SMART और वरुणास्त्र भारतीय नौसेना के टारपीडो हैं...एडवांस्ड लाइट टॉरपीडो शायना स्वदेशी हल्का एंटी-सबमरीन टारपीडो है...इसे DRDO की नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला द्वारा विकसित किया गया था...1990 के दशक में DRDO द्वारा शायना का निर्माण कार्यक्रम शुरू किया गया था...
SMART का अर्थ Supersonic Missile Assisted Release of Torpedo है। यह कनस्तर वाली हाइब्रिड प्रणाली है...स्मार्ट सिस्टम की रेंज 650 किमी है....यह दो तरह के डेटा लिंक के साथ एक उन्नत हल्के टॉरपीडो है....यह एक ट्रक आधारित तटीय बैटरी और एक युद्धपोत से भी लॉन्च किया जा सकता है...
गोरतलब हो की BDL DRDO की निर्माण एजेंसी है जो क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल \ का निर्माण करती है...साथ ही, यह अस्त्र एयर-टू-एयर मिसाइल सिस्टम की उत्पादन एजेंसी है...
7.
भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम अब यह हिंद महासागर के पानी में 1,500 किमी तक में नेविगेशन सिस्टम की जीपीएस की जगह ले सकता है....इसका मतलब यह है कि हिंद महासागर में जहाज IRNSS से समुद्र में अपनी स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं...
भारत अब दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया है जिसके पास स्वतंत्र क्षेत्रीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है और जिसे IMO ने अपने WWRNS के तहत मान्यता दी है....
IRNSS को यह मान्यता प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया में दो साल लग गए....साथ ही, यह देश की सैन्य सुरक्षा को बढ़ाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय जहाज अब समुद्र में स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए अमेरिका या रूसी नौवहन प्रणाली पर निर्भर नहीं होंगे...
आपको बतादें IMO संयुक्त राष्ट्र का एक संगठन है...मान्यता के साथ, भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बन गया है जिसके पास स्वयं का नेविगेशन सिस्टम हैं। इस मान्यता के साथ, भारतीय नेविगेशन प्रणाली को अन्य प्रमुख सिस्टम के साथ रखा गया है, जो नेविगेशन के लिए जहाजों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है जैसे ग्लोनास और जीपीएस....यह हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की प्रतिष्ठा भी बढ़ाता है...
गोरतलब हो की सभी सुरक्षा एजेंसियां IRNSS का उपयोग कर सकती हैं। साथ ही, छोटी मछली पकड़ने वाली नौकाओं सहित व्यापारी जहाज इस प्रणाली का उपयोग करने के लिए अधिकृत हैं। हालाँकि, IRNSS केवल एक क्षेत्रीय नौवहन प्रणाली है न कि वैश्विक नौवहन प्रणाली।
IRNSS एक स्वतंत्र क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली है जिसे भारत द्वारा विकसित किया गया है। यह नेविगेशन में जहाजों की मदद करने के लिए सटीक स्थिति सूचना सेवाएं प्रदान करता है। जीपीएस ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम है जो संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वामित्व में है। ग्लोनास रूस का ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है। ग्लोनास उपग्रह 1995 पंचानबे में पूरा हुआ था...IRNSS का परिचालन नाम NavIC है। यह भारत को कवर करता है और यह भारत के आसपास के 1500 किमी क्षेत्र को भी कवर करता है....
8.
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने परीक्षण के दौरान अपने टारगेट को सफलतापूर्वक मार गिराया...इस मिसाइल की मारक क्षमता अब 400 किलोमीटर हो गई है...इस परीक्षण के बाद अब ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है....
इसी महीने भारत ने बालासोर में क्विक रिएक्शन मिसाइल का सफल मिसाइल परीक्षण किया था....
जमीन से जमीन पर हमला करने के लिए ब्रह्मोस सफल सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल मानी जाती है....यह मध्यम रेंज की एक ऐसी सुपरसोनिक मिसाइल है, जिसे किसी एयरक्राफ्ट, शिप या छोटे प्लेटफॉर्म से भी दागा जा सकता है...इस क्रूज मिसाइल को थल, जल और हवा से दागा जा सकता है..इसकी मारक क्षमता अचूक है...
भविष्य में भारत और रूस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की रेंज को बढ़ाकर 600 किलोमीटर करने की दिशा में काम करेंगे...ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल तीनों सशस्त्र बलों के लिए एक शक्तिशाली हथियार बन गई है...भारत सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लिए निर्यात बाजार खोजने पर भी काम कर रहा है...
ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है.....इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की गति ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक है....ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ध्वनि के वेग से करीब तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से लक्ष्य पर प्रहार करती है.....
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अपनी श्रेणी में दुनिया की सबसे तेज परिचालन प्रणाली है और हाल ही में डीआरडीओ ने मिसाइल प्रणाली की सीमा को मौजूदा 298 अठानवे किमी से बढ़ाकर लगभग 450 किमी कर दिया है...
उल्लेखनीय है कि पहले भारत मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था का सदस्य नहीं था....मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था (MTCR) के नियमानुसार जहाँ 300 किलोमीटर से अधिक रेंज के प्रक्षेपास्त्रों को निर्यात की अनुमति नहीं है वही इसमें शामिल देश किसी ऐसे देश के साथ मिलकर 300 किलोमीटर की रेंज से ऊपर की मिसाइल नहीं बना सकते जो MTCR में शामिल ना हों। इसीलिए पहले बनाये गए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता को 300 किलोमीटर से कम रखा गया।
साल 2018 में भारत Missile Technology Control Regime का सदस्य बन गया जिससे भारत को सदस्य देशों से अत्याधुनिक मिसाइल प्रौद्योगिकी हासिल करने और रूस के साथ संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस मिसाइल के निर्यात करने की छूट मिल गई है....
क्या है मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR)?
मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था एक बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था है...यह एक अनौपचारिक और स्वैच्छिक भागीदारी है जिसका उद्देश्य मिसाइल और मानवरहित हवाई वाहन तकनीक के प्रसार को रोकना है....यह व्यवस्था 500 किग्रा. पेलोड को कम से कम 300 किमी. दूर तक ले जाने में सक्षम मिसाइल और मानवरहित हवाई वाहन की तकनीक के प्रसार का निषेध करती है..
तो ये थी पिछली सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरें...आइये अब आपको लिए चलते हैं इस कार्यक्रम के बेहद ही ख़ास सेगमेंट यानी इंडिया राउंडअप में.... जहां आपको मिलेंगी हफ्ते भर की कुछ और ज़रूरी ख़बरें, वो भी फटाफट अंदाज़ में...
फटाफट न्यूज़ (India Roundup):
1. त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा सहयोग पर चौथी NSA स्तर की बैठक त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा सहयोग पर चौथी एनएसए स्तर की बैठक में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कोलंबो की दो दिवसीय यात्रा पर जायेंगे...इस बैठक में श्रीलंका के रक्षा सचिव मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) कमल गुणारत्ने, मालदीव की रक्षा मंत्री मरिया दीदी भी भाग लेंगे.. यह बैठक हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा में सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा का अवसर प्रदान करेगी..इससे पहले बैठकें 2011 में मालदीव में, 2013 में श्रीलंका में और 2014 में भारत में हुई थीं...
2. युवा मामलों और खेल मंत्रालय ने AAI की सरकारी मान्यता बहाल की
युवा मामलों और खेल मंत्रालय ने 26 नवंबर को भारतीय तीरंदाजी संघ की सरकारी मान्यता बहाल कर दी है...भारतीय तीरंदाजी संघ ने पूरे भारत में तीरंदाजी खेल के प्रचार और नियमन के लिए एक राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में बहाली की है...AAI की मान्यता एक वर्ष के लिए मान्य होगी...भारत सरकार ने आठ साल पहले AAI की मान्यता वापस ले ली थी...भारत की राष्ट्रीय खेल विकास संहिता के अनुसार चुनाव कराने में अपनी विफलता के मद्देनजर मान्यता वापस ले ली गई थी...
3. भारत और फिनलैंड ने पर्यावरण संरक्षण के लिए किए एमओयू पर हस्ताक्षर
भारत और फिनलैंड ने 26 नवंबर को पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए....यह MOU भारतीय और फिनलैंड के बीच साझेदारी और समर्थन को आगे बढ़ाने का एक मंच है...इस MOU के तहत वायु और जल प्रदूषण की रोकथाम जैसे क्षेत्रों में एक दूसरे का सहयोग शामिल है...इसी क्रम में भारत और फिनलैंड ने पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया....
4. धनलक्ष्मी बैंक का सिंगापुर स्थित DBS बैंक इंडिया लिमिटेड के साथ विलय कर दिया गया
25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में सिंगापुर स्थित DBS बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली एक सहायक कंपनी के साथ लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड के विलय को मंजूरी दे दी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इन दिनों नकदी/ मुद्रा संकट से जूझ रहे लक्ष्मीम विलास बैंक पर पहले कई प्रतिबंध लगाये थे...इसके बाद, RBI ने लक्ष्मी विलास बैंक के DBS बैंक में विलय की घोषणा कर दी...यह विलय 27 नवंबर 2020 से लागू हुआ...इसके साथ ही लक्ष्मी विलास बैंक का नाम बदलकरDBS बैंक हो जाएगा जिसके तुरंत बाद रिज़र्व बैंक की ओर से लक्ष्मीै विलास बैंक पर लगाया गया मोरेटोरियम भी हटा दिया जाएगा...भारतीय निजी क्षेत्र का बैंक लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड को 1926 में करूर, तमिलनाडु में स्थापित किया गया था.....
5. SC: केंद्र और राज्यों को नागरिकों की अर्जित संपत्तियों पर अनिश्चितकालीन अधिकार रखने की अनुमति नहीं
बीते 24 नवंबर को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला सुनाया है कि, राज्यों और केंद्र को नागरिकों के अधिग्रहित संपत्तियों पर अनिश्चितकालीन अधिकार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है...यह भू-संपत्ति का एक ऐसा मामला है, जिस जमीन को केंद्र द्वारा वर्ष 1964 चौसंठ में मुआवजा तय करके रक्षा उद्देश्यों के लिए अधिग्रहित किया गया था...यह मामला दो बार कर्नाटक हाई कोर्ट में गया और हाई कोर्ट ने हालांकि, केंद्र के खिलाफ अपना फैसला सुनते हुए यह कहा कि, सरकार के दावे में कोई सत्यता नहीं है. फिर भी, जमीन के वास्तविक मालिक को यह जमीन सौंपने से इनकार कर दिया क्योंकि यह जमीन केंद्र द्वारा रक्षा उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जा रही थी. अब, सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को 03 महीने के भीतर बेंगलुरु में 2 एकड़ और 8 गुंटा की जमीन उसके वास्तविक मालिक को सौंपने का निर्देश दिया है...
6. केरल सरकार ने अपमानजनक सामग्री को दंडनीय बनाने वाले अध्यादेश को स्थगित किया
केरल सरकार ने 23 नवंबर को एक ऐसे अध्यादेश को स्थगित करने का फैसला किया है, जिसमें अपमानजनक या मानहानि करने वाले ऑनलाइन कंटेंट को 3 साल तक की कैद के साथ दंडनीय बनाने का प्रयास किया गया है. केरल के मुख्यमंत्री द्वारा, CPI (M) राज्य सचिवालय और वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) पार्टी के सदस्यों के साथ चर्चा करने के बाद, केरल सरकार ने इस अध्यादेश को स्थगित करने का फैसला लिया है. इससे पहले, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने IT अधिनियम की धारा छियासठ 66-A और केरल पुलिस अधिनियम की धारा 118-D को हटा दिया था...
7. एस. जयशंकर ने किया अफगानिस्तान 2020 सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान 2020 सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया और इस सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने अफगानिस्तान में हिंसा को रोकने के लिए तत्काल और व्यापक संघर्ष विराम का आह्वान किया. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि, अफगानिस्तान के लिए अपनाई जाने वाली शांति प्रक्रिया अफगान के नेतृत्व वाली, अफगान के स्वामित्व वाली और अफगान नियंत्रित होनी चाहिए. अफगानिस्तान सम्मेलन 2020 का आयोजन जिनेवा में 23 नवंबर से 24 नवंबर 2020 तक किया गया . इस सम्मेलन की मेजबानी संयुक्त राष्ट्र, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान और फ़िनलैंड सरकार ने एक साथ मिलकर की थी.
8. असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का 23 नवंबर को निधन हो गया
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का 23 नवंबर को निधन हो गया. गोगोई साल 2001 से साल 2016 तक असम के मुख्यमंत्री रहे...गोगोई ने कांग्रेस को लगातार तीन विधानसभा चुनावों में जीत दिलाई. सबसे लंबे समय तक असम का मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है. गोगोई 6 बार लोकसभा के लिए चुने गए. वे साल 1971इकहत्तर से साल 1985 पचासी तक तीन बार जोरहट से सांसद रहे. उसके बाद साल 1991-96 छियानवे और साल 1998 अठानवे-2002 के दौरान कालीबोर के सांसद रहे.,,
9. मेघालय में होने वाले इंडिया इंटरनेशनल चेरी ब्लॉसम महोत्सव को रद्द कर दिया गया
मेघालय में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इंडिया इंटरनेशनल चेरी ब्लॉसम महोत्सव को कोविड-19 महामारी के कारण रद्द कर दिया गया है. भारत के एकमात्र चेरी ब्लॉसम महोत्ससव को मेघालय की राजधानी शिलांग में आयोजित किया जाता है. इस महोत्सव में शामिल होने के लिए रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक शिलांग पहुंचते है. सर्दी का मौसम शुरू होते गुलाबी रंग के चेरी ब्लॉसम के सुन्दर फूलों को पूरे मेघालय में देखा जा सकता है.
10. भारत को 2023 में होने वाली G-20 देशों की बैठक की अध्यक्षता प्रदान की गयी
साल 2023 में G20 समिट की मेजबानी भारत करेगा. सऊदी अरब में 15वें समिट के समापन के बाद अगले वर्षों में होने वाली इस समिट के मेजबान देशों के नामों की घोषणा हुई. 2021 में इटली, 2022 में इंडोनेशिया और 2023 में जी20 समिट की अध्यक्षता भारत करेगा. वहीं साल 2024 में ब्राजील समिट की मेजबानी करेगा...
11. अरब सागर में भारत, सिंगापुर और थाईलैंड के बीच “सिटमैक्स-20” सैन्य अभ्यास का दूसरा संस्करण शुरू
भारतीय नौसेना सिंगापुर और थाईलैंड की नौसेनाओं के साथ अंडमान सागर में दो दिवसीय त्रिपक्षीय सिटमेक्स 2020 में हिस्सा ले रही है...इस युद्धाभ्यास में हथियार चलाना और सतह युद्ध अभ्यास शामिल है...इस युद्धाभ्यास का मकसद तीनों मित्र देशों के बीच क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए समन्वय, सहयोग और साझेदारी का विकास करना है....
12. COVISHIELD वैक्सीन ने 90% प्रभावकारिता
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका ने हाल ही में घोषणा की कि उनके द्वारा विकसित COVISHIELD वैक्सीन ने 90% प्रभावकारिता दिखाई है..इस वैक्सीन का निर्माण भारतीय कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया द्वारा किया जा रहा है...मौजूदा वक़्त में भारत में परीक्षण के तहत तीन COVID-19 टीके हैं... वे हैं – स्पुतनिक वी नामक रूसी वैक्सीन हैं, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन जिसे कॉविशील्ड कहा जाता है और कॉवाक्सिन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और भारत बायोटेक द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है...
तो इस सप्ताह के इण्डिया दिस वीक कर्यक्रम में इतना ही। परीक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी और भी तमाम महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए सब्सक्राइब कीजिए हमारे यूट्यूब चैनल ध्येय IAS को। नमस्कार।